तरंगों की रहस्यमयी दुनिया

भौतिकी की दुनिया: तरंगें (The World of Waves) तरंगों की रहस्यमयी दुनिया ऊर्जा के नृत्य से लेकर ब्रह्मांड के रहस्यों तक, आइए तरंगों के अद्भुत विज्ञान को गहराई से समझें। भाग 1: क्लासिकल तरंगें - भौतिकी का आधार भौतिकी की दुनिया में, **तरंग (Wave)** का विचार एक मौलिक स्तंभ की तरह है। जब हम तरंग की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में समुद्र की लहरें या तालाब में पत्थर फेंकने से बनी लहरें आती हैं। ये उदाहरण बिल्कुल सही हैं, लेकिन तरंग का असली मतलब इससे कहीं ज़्यादा गहरा है। सरल शब्दों में, यह एक ऐसी **विक्षोभ (disturbance)** है जो बिना पदार्थ का खुद एक जगह से दूसरी जगह गए, **ऊर्जा और संवेग (Energy and Momentum)** को स्थानांतरित करती है। डोमिनोज़ की एक लाइन की कल्पना करें - जब आप पहले डोमिनो को धक्का देते हैं, तो वह अपने आगे वाले को गिराता है और यह प्रक्रिया अंत तक चलती है। यहाँ ऊर्जा (धक्का) तो आगे बढ़ी, लेकिन हर डोमिनो अपनी ही जगह पर गिरा। तरंगें भी कुछ इसी तरह काम करती हैं। ...

क्लोरोफॉर्म

 

                 क्लोरोफॉर्म 
क्लोरोफॉर्म की खोज 1831 में लिविंग और स्वीडन ने की थी

क्लोरोफॉर्म के निर्माण की विधियां

1.विरंजक चूर्ण की क्रिया जल से कराने पर कैलशियम हाइड्रोकइड तथा क्लोरीन गैस बनती है
CaOCl2+H2O -------------------- Ca(OH)2+Cl2
2.एथिल अल्कोहल का क्लोरीन की उपस्थिति में ऑक्सीकरण कराने पर स्टलडीहाइट तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल बनता है
                        Cl2
C2H5OH  ------------------------CH3CHO+2HCL

3.स्टलडीहाइट का क्लोरीन की उपस्थिति में क्लोरीन ई करण कराने पर ट्राई क्लोरो स्टलडीहाइट बनता  है
                          3Cl2
CH3CHO. --------------------------CCl3CHO+3HCL
 4.ट्राई क्लोरोस्टलडीहाइट की लाइमवॉटर के साथ अभिक्रिया कराने पर क्लोरोफॉर्म प्राप्त होती है
2CCl3CHO+Ca(OH)2------------2CHCl3+(HCOO)2Ca 
B.एसीटोन का क्लोरीन ई करण करने पर ट्राई क्लोरो एसीटोन प्राप्त होता है
CH3COCH3+3Cl2-----------CCl3COCH3+3HCl
2.ट्राई क्लोरो एसीटोन की अभिक्रिया लाइमवॉटर के साथ कराने पर क्लोरोफॉर्म तथा कैल्शियम एसीटेट बनता है
                      प्रयोगशाला विधि
प्रयोगशाला में क्लोरोफॉर्म के निर्माण के लिए निम्न उपकरण प्रदर्शित किए जाते हैं विरंजक चूर्ण का जल के साथ बना पेस्ट उचित मात्रा में लेकर उसमें बहुत धीमी गति से अल्कोहल या एसीटोन की उचित मात्रा मिलाते हैं तथा फ्लक्स को जल उस वक्त पर गर्म करते हैं इस प्रकार प्राप्त आसूत  जल तथा प्राप्त क्लोरोफॉर्म को अलग एकत्र किया जाता है क्लोरोफॉर्म को पहले तनु NaOH जल के साथ मिलाकर क्लोरोफॉर्म को साफ किया जाता है तथा अशुद्धियां अलग होती जाती हैं

 
(a).सोडियम हाइड्रोक्साइड की अभिक्रिया क्लोरल से कराने पर क्लोरोफॉर्म तथा सोडियम फॉर्मेट बनता है
NaOH+CCl3CHO-----------CHCl3+HCOONa

                         भौतिक गुण
1.शुद्ध क्लोरोफॉर्म रंगहीन ईथर जैसी विशेष गंध वाली जल से भारी गैस होती है 
 2.यह जल में विलय नहीं होती है
3. यह कार्बनिक विलायको जैसे अल्कोहल आदि विशेष विलय होती है 
4.इसकी वाष्प सूंघने पर अस्थाई बेहोशी आ जाती है इसे सामान्यता निश्चेतक गैस भी कहते है
5. क्वथनांक 61 डिग्री सेल्सियस होता है

                      रासायनिक गुण
1.क्लोरोफॉर्म का ऑक्सीकरण कराने पर फास्जीन प्राप्त होता है
                             hv 
2CHCl3+O2--------------------2COCl2+2HCl
2.क्लोरोफॉर्म की अभिक्रिया हाइड्रोजन नाइट्रेट से कराने पर नाइट्रो क्लोरोफॉर्म प्राप्त होता है 
CHCl3+HNO3-------------------Cl3CNO2+H2O
3.क्लोरोफॉर्म की अभिक्रिया सिल्वर चूर्ण के साथ कराने पर एसिटिलीन गैस तथा सिल्वर क्लोराइड प्राप्त होता है
2CHCl3+6Ag-----------------C2H2+6AgCl
 
                          उपयोग
1. क्लोरोफॉर्म का उपयोग रबड़ वसा मोम ब्रोमीन और आयोडीन के लिए विलायक एवं प्रयोगशाला अभिकर्मक के रूप में किया जाता है 
2.निश्चेतक के रूप में
 3.विभिन्न औषधियों जैसे क्लोरोपिक्रिन क्लोरेटोन आदि बनाने में किया जाता है 
4.टेफलॉन के निर्माण में किया जाता है










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